NOT KNOWN FACTS ABOUT वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

Not known Facts About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

Not known Facts About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

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मोहिनी शब्द को भगवान् विष्णु के मोहिनी अवतार से लिया गया है. इस रूप को देखते ही सब उनके मोहन में बंध गए थे.

काला कलुवा चौंसठ वीर ताल भागी तोर जहां को भेजूं वहीं को जाये मांस मज्जा को शब्द बन जाये अपना मारा, आप दिखावे चलत बाण मारूं उलट मूंठ मारूं मार मार कलुवा तेरी आस चार चौमुखा दीया मार बादी की छाती इतना काम मेरा न करे तो तुझे माता का दूध पिया हराम।

करियर में उन्नति और सहयोगियों का समर्थन पाने के लिए।

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं (अमुक) मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा॥

ॐ नमो आदेश गुरु का। कामरु देश कामाख्या देवी। जहाँ बसे इस्माईल जोगी ने दीन्हीं लौंग। एक लौंग राती माती। दूजी लौंग दिखावे राती। तीजी लौंग रहे ठहराया। चौथी लौंग भिलावे आया नहीं आवे तो कुआं बावड़ी घाट फिरे। रंडी कुआं बावड़ी पर छिटक मरे। ॐ नमो आदेश गुरु का। मेरी भक्ति गुरु की शक्ति। फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।

इसके लिए आपको ऊपर दिए गए मंत्र का प्रयोग निम्न तरह से करना है.

इससे आपका कार्य फलित होगा ही मोहन का प्रभाव भी बना रहेगा.

माता अंजनी का हनुमान। मैं मनाऊं तू कहना मान। पूजा दें, सिन्दूर चढ़ाऊं ‘अमुक’ को रिझाऊं और उसको पाऊँ। यह टीका तेरी शान का। वह आवे, मैं जब लगाऊं। नहीं आवे तो राजा राम की दुहाई। मेरा काम कर नहीं आवे तो अंजनी की सेज पड़।

जिन लोगो में आकर्षण कम होता है और इसकी वजह से उन्हें मनचाही लड़की या लड़के की प्राप्ति नहीं हो रही है या शादी नहीं हो रही है उनके लिए ये अभ्यास बढ़िया है.

ऐसा नहीं है की आप तिलक लगाकर बाहर निकले और सामने वाला वशीकरण की तरह व्यवहार करे. इसके प्रभाव से सामने वाला आपकी बात नहीं काट पायेगा.

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वशीकरण मंत्र के अलावा, आप अन्य टोटके और उपायों का भी उपयोग कर सकते हैं जो वशीकरण में मदद कर सकते हैं। ये उपाय विभिन्न प्रकार check here के हो सकते हैं, जैसे कि यंत्र, धार्मिक प्रयोग, धूप, दीपक, रत्न, या धारण किए जाने वाले वस्त्र। आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप इन उपायों को सही ढंग से और संबंधित विधि का पालन करते हुए कर रहे हैं।

इस लेख में, हम वशीकरण मंत्र के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह जानेंगे कि इसका उपयोग कैसे किया जाता है और इसके पीछे की विज्ञानिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण क्या है।

हाथ पसारूं मुख मलूं, काची मछली खाऊं। आठ पहर चौसठ घड़ी, जग मोह घर जाऊं।।

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